GUPTNAVRATRI-2021

 




                               ''   गुप्त नवरात्रि 2021  ''

1 . भारत देश :- जैसा की हम जानते हैं कि भारत में हर थोड़े दिनों में कोई न कोई त्यौहार या उत्सव मनाया जाता हैं। मेरा देश त्योहारों का देश हैं। उन्ही में एक विशेष त्यौहार हैं   ''  नवरात्रि   '' हम सभी नवरात्रि को बड़े ही आनंद और उत्साह के साथ प्रतिवर्ष मनाते हैं।  ''  नवरात्रि   ''  में माँ भगवती की पूजा -अर्चना  पुरे नौ दिनों तक की जाती हैं।  हम सभी  '' नवरात्रि   '' को बड़े अच्छे से जानते हैं और मनाते हैं ,पर क्या आप जानते हैं कि?

गुप्त नवरात्रि कब हैं, पूजा का मुहूर्त ,गुप्त नवरात्रि के फायदे, नियम, उपाय ,माँ शाकम्भरी ,10 विद्याओं की पूजा। 

कि एक वर्ष में चार बार  '' नवरात्रि ''  का उत्सव होता हैं ,पर हम सभी सिर्फ दो  '' नवरात्रि ''  के बारे में ही जानते हैं परन्तु दो  नवरात्रि और होती हैं। एक साल में चार नवरात्रि आती हैं। 

   ''  दो   गुप्त नवरात्रि    '' 

   और दो     ''  एक  चैत्र और एक शारदीय   ''   नवरात्रि होती हैं। कहते हैं कि गुप्तनवरात्रि का महत्व इन   चैत्र और शारदीय नवरात्रियों से भी अधिक होता हैं। 


2 . हिन्दू पंचांग के अनुसार :-   ''   माघ  '' महीने के   ''  शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से नवमी   ''   तक माघ माह में    ''  गुप्त नवरात्रि ''  का पर्व होता हैं।  ये गुप्त नवरात्रि भी उन चैत्र और शारदीय नवरात्रि की तरह ही नौ दिवस तक मनाई जाती हैं।  इस  ''   गुप्त नवरात्रि   ''  में भी माँ भगवती के स्वरूप की पूजा आराधना नौ दिनों तक की जाती हैं ,पर गुप्त नवरात्रि का महत्व अन्य दो नवरात्रि से भी ज्यादा होता हैं क्योकि   ''   माँ महाकाली   ''  इस नवरात्रि में अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न होती हैं।  इसलिए इस नवरात्रि को विशेष तौर पर   ''  तंत्र -मंत्र ''  और   ''   सिद्धि -साधना   ''   आदि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया हैं। इस गुप्त नवरात्रि में माँ दुर्गा को ध्यान व अपनी भक्ति से प्रसन्न कर अनेक ''  विशेष शक्तियो  ''    को पाया जा सकता हैं। इस गुप्त नवरात्रि की पूजा साधना ज्यादा फल दाई होती हैं। 



3 . माँ की पूजा अर्चना कैसे करें :- ये गुप्त नवरात्रि को करने में हमें हमेशा पूर्ण संयम और शुद्धा के साथ ''  माँ भगवती   ''  की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस नवरात्रि में नौ दिनों तक माँ दुर्गा के उन  '' नौस्वरूपों ''  के साथ -साथ 10 महाविद्याओं कि भी आराधना पूर्ण निष्ठां और मन से करनी चाहिए। इस नवरात्रि में माँ की पूजा अर्चना   ''  बिलकुल गुप्त तरिके के साथ की जाती हैं ,इसलिए इसे हम 

''  गुप्तनवरात्रि   ''  कहते हैं।  तंत्र -मंत्र साधना के लिए इन 10 देवियों की पूजा -आराधना करे। 

  कहते हैं कि ये 10 महाविद्याओ की देवियो की पूजा -अर्चना '' विशेष गुण और फल दाई   ''   हैं। 

1 . माँ काली   [  सारी मुसीबतो को हरने वाली ]

2 . माँ  त्रिपुरा सुंदरी [सुंदरता और ऐश्वर्य की ]

3  . माँ  भुवनेश्वरी [  सुख और शांति देने वाली ]

4 .  माँ छिन्नमस्ता [ वैभव ,सम्मोहन और दुश्मनो पर विजय ]

5 . माँ तारा [ आर्थिक उन्नति ]

6 .   माँ धूमावती [दरिद्रता विनाशिनी ]

7 .  माँ तिपुरवेभावी [ परेशानियों को हरने वाली ]

8 .  माँ बगलामुखी [ शत्रु पर विजय ]

9 .  माँ कमला 

10 .  माँ मातंगी 


4 . माघ माह की गुप्त नवरात्रि 2021 तिथि :-

प्रारम्भ   :- 12 फरवरी 2021  दिन शुक्रवार 

समाप्ति :- 21 फरवरी  2021  दिन रविवार 

कलश स्थापना मुहूर्त :- सुबह 8 . 34 से 9 . 59 

अभिजीत मुहूर्त :- 12 . 13 से 12 . 58 


 गुप्तनवरात्रि का महत्व :-  गुप्त नवरात्रि में माँ की पूजा -अर्चना को जितना गुप्त रखा जाता हैं, उतना ही अधिक फल मिलता हैं। गुप्त नवरात्री में माँ नवदुर्गा के साथ -साथ 10 महाविद्याओं की भी पूजा को विशेष तौर पर तांत्रिक लोग ही ज्यादा करते हैं ,क्योकि गुप्त नवरात्रि मन -वांछित फल और कामनाओं व इच्छाओं की सिद्धि की नवरात्रि हैं।  चैत्र और शारदीय नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक दोनों जन पूजा करते हैं,परन्तु   ''  गुप्त नवरात्रि    ''  में माँ की आराधना ज्यादा तांत्रिक लोग ही अपनी '' ''तांत्रिक शक्ति'' और कामनाओं को पूर्ण करने के लिए करते हैं। इस गुप्त नवरात्रि में ज्यादा प्रचार -प्रसार नहीं किया जाता ,इसे गुप्त तरिके से ही मनाते  हैं। पूजा ,मंत्र ,पाठ और सभी को गुप्त रखा  जाता हैं। कहते हैं जितनी  गुप्त माँ की आराधना करते हैं ,उतना ही फल ज्यादा मिलता हैं। 


6 . तांत्रिक पूजा :-  तांत्रिक और महान अघोरी गुप्त नवरात्रि के दिनों में आधी रात ''माँ काली'' [भगवती ] की पूजा आराधना करते हैं।

 '' माँ की प्रतिमा को स्थापित कर ,लाल सिंदूर और लाल सुनहरे गोटे वाली चुनरी ,माँ के चरणों में श्री फल ,केले ,सेब ,तिल ,लड्डू ,खिल -पतासे ,मेहंदी ,चावल ,और विशेष लाल गुलाब या कोई सा भी लाल रंग का फूल ,सरसो के तेल का दीपक इन सभी को माँ के चरणों में अर्पित कर पूजा -अर्चना मंत्र पाठ के साथ 


''  ॐ दूँ दुर्गायै  नमः ''    का पाठ करते हैं तो सभी मनोकामनाएँ माँ पूर्ण करती हैं। 


7 . देवी शाकम्भरी :- '' दुर्गा सप्तशती ''   में देवी शाकम्भरी के रूप का इतना खूबसूरत उल्लेख मिलता हैं। उस पुस्तक में माँ को नीले वर्ण और कमल पर विराजित व कमल के नयनो वाली बताया हैं। 

तो इस तरह गुप्त नवरात्रि करने से फल कई गुना ज्यादा मिलता हैं। 


तो मिलते हैं अगले मंगलवार को एक और नए लेख के साथ। 

आपको मेरे लिखे लेख अच्छे लगे तो please ,PLEASE ,PLEASE  SHARE जरूर करें। 


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ