EKAGRATA



                      ''      एकाग्रता     ''

एकाग्रता :-  कोई भी काम करने के लिए एकाग्रता का होना बहुत जरूरी हैं। एकाग्र होकर किया गया काम करने में बहुत मजा आता  हैं  ,और उस काम के परिणाम भी सकारात्मक आते हैं। एकाग्रता से हर कार्य आसान लगने लगता हैं और जल्दी से सम्पन्न भी हो जाता हैं। 
कभी कभी ऐसा होता हैं की काम बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं पर उस कार्य को करने में मन और मस्तिष्क दोनों एकाग्र हो ही नहीं पाते और काम बिगड़ जाता हैं या होता ही नहीं। 


भटकाऊ :-  आज के समय में ध्यान का न लगना सबसे बड़ी समस्या हैं। हमारे ध्यान को आज कल कई तरह के साधन भटकाते  हैं जैसे :- मोबाइल ,टीवी ,डांस। गाने ,तनाव ,बीमारी ,परिवार में कहल ,आपसी मतभेद और कई ऐसी चीजे हैं ,जो हमारा ध्यान भटकाती रहती हैं। आजकल हम बार बार मोबाइल चैक करते हैं। 
ये काम ऐसे हैं जो एकाग्रता को भंग करते हैं। इस महौल से निकलने की कोशिश करनी चाहिए। 




भटकाऊता से निपटना :-  मन का भटकना ,मन न लगना ऐसी समस्या ,एक ही समय पर अलग -अलग कार्य को संपन्न करने  की तरफ रुझान को मनोविज्ञान की भाषा में ''   मल्टीटास्किंग ''  कहाँ जाता हैं। 
अलग -अलग वैज्ञानिकों को द्वारा प्रयोग करने पर सिद्ध हुआ हैं की ''मल्टीटास्किंन '' एकाग्रता को भंग करने की एक अहम वजह हैं इससे ही हम मन को एकाग्र नहीं कर पाते। 



समय का ध्यान :-  समय को सही से इस्तेमाल नहीं करना भी एकाग्रता को भंग करता हैं। इसलिय समय को सही इस्तेमाल पर ध्यान दे। अपने काम को पूरा करने के लिए एक समय निश्चित करे और उसे उसी समय में पूरा करे ,दिनभर के कामों को समय अनुसार मैनेज करे। अगर कभी ज्यादा ही ध्यान न लगे तो थोड़ी देर काम को रोक कर,खुद को अपनी  इच्छा  अनुसार कार्य करे जैसे :-  मनपसंद गाने सुनना ,खेलना ,टीवी देखना ,डांस करना ,खाना खाना ,आदि। 


एकाग्रता के उपाय :-  कैसे अपने मन को पढ़ाई में लगाये ? 
                                   मन को कैसे काबू करे ?


इन बातो से आप जानेगे की आपका दिमाग तो तेज  होगा ही  और आपका मन हर कार्य में भी लगेगा।
 
१. अच्छा   माहौल:- 

अच्छे माहौल  का एकाग्रता पर बहुत प्रभाव पढ़ता हैं। अपना मन अगर शांत रहेगा तो हर काम में मन लगेगा। मन को अगर अच्छा माहौल मिलेगा तो सब कार्य सकरात्मक होंगे और ख़ुशी मिलेगी। 

प्रभू का ध्यान करे और अपने बच्चों को भी भगवान का स्मरण करना सिखये। अपने बच्चे को अपनापन सिखाये ,बड़ों का सम्मान ,आदर सिखाये। 




2 अपने विचारो पर नियंत्रण :-  अपने मन को अगर एकाग्र रखना हैं तो अपने विचारों को शुद्ध और साफ रखे। मन को इधर -उधर की बातों में न लगाए। जो भी काम शुरू करे उसी में सारा ध्यान लगाए। अपने मन को उसी काम पर केंद्रित करे दूसरी और मन को न भटकने दे। 
                   


३ टाइम टेबल बनाये :-अपने दिन भर का समय निर्धारण जरूर करे। हर कार्य को करने का समय निश्चित करे उसी अनुसार कार्य करे। इससे समय भी बचेगा और मन का बोझ भी कम होगा व कार्य भी बोरिंग नहीं लगेगा। 


४  . एक बार में एक कार्य :- आप एक समय में एक ही कार्य सम्पन्न करे।   कहते हैं की ''   हम दो नाव में सवार होते हैं तो डूबते  ही  डूबते हैं''    इसलिए मन लगाकर एक कार्य को पुरा करे , फिर दूसरा कार्य शुरू करे। जिससे कार्य जल्दी भी पूरा होगा और अच्छा भी  होगा। 




५  . सकारात्मक विचार :-हमेशा अपने मन में सकारात्मक विचार रखे जिससे  मन और मस्तिष्क का संतुलन बना रहे। सकारात्मक विचारों से काम के प्रति एकाग्रता बढ़ती हैंऔर एकाग्रता बढ़ने से काम फटाफट होता हैं। एकाग्रता पूर्ण किया कार्य बहुत अच्छा होता हैं और अच्छा कार्य प्रशंसा दिलाता हैं। 



६.  मन को शांत रखना :-  मन को शांत रखने से भी एकाग्रता बढ़ती हैं। जो कार्य शांत मन से किया जाता हैं वह अति उत्तम होता हैं और अशांत मन से किये कार्य हमेशा दुखद  परिणाम देते हैं। इसलिए कैसी भी स्थिति हो मन को हमेशा एकाग्रचित व शांत रखे।

 



 ७  . व्यायाम करे :-  एकाग्रता बढ़ाने के लिए  सबसे अच्छा तरीका नियमित व्यायाम करना  चाहिए ,जिससे मन ,मस्तिष्क ,और शरीर तीनों ही स्वस्थ रहेगे । अगर शरीर स्वस्थ होगा तो मन ,मस्तिष्क निरोग और स्वस्थ होंगे। जिससे हर कार्य पूर्ण व्यवस्थित होगा। 



८.  शुद्ध ,  स्वस्थ  और सात्विक भोजन :-  अपने भोजन में हमेशा सात्विक भोजन ले जिससे हमारा मन शांत रहेगा और विचारों में  सात्विकता आयेगी। अच्छा भोजन एकाग्रता को बढ़ाता हैं। तभी तो ऋषि मुनि हमेशा सात्विक भोजन करते हैं। 

कहते हैं :      ''  जैसा खावे अन्न वैसा होवे मन ''





९.   पूर्ण नींद :-  अगर एकाग्रता को बनाये रखना हैं तो शरीर को पूर्ण आराम की आवश्यक्ता होती  हैं और वो आराम पूर्ण व्यवस्थित नींद से ही सम्भव हैं इसलिए अच्छे से नींद ले। कम से कम ७ से ८ घंटे भरपूर नींद 

ले। 

१०. नकारात्मकता से दुरी :-  एकाग्रता के लिए सबसे जरूरी बात नकारात्मक विचारों को मन से दूर रखना। 
अगर मन में नकारात्मक विचार आते रहे ,तो कोई कार्य व्यवस्थित नहीं होगा और मन भी किसी कार्य में नहीं लगेगा। 




११  . ज्ञान वर्धक किताबे :- एकाग्रता बढ़ाने के लिए अच्छी -अच्छी किताबे पढ़े ,जिससे ज्ञान और एकाग्रता दोनों बढ़ेंगे। 


इन सभी बातों से  बच्चे ,बड़े ,और बूढ़े सभी में एकाग्रता बढ़ेगी। एकाग्रता को बढ़ाने की कोई दवा नहीं होती। अगर हम कोई दवा लेते हैं तो वो हमारे शरीर पर नकारात्मक प्राभाव डालती हैं। इस लिए हमेशा खुश रहे और मस्त रहे। 


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