स्त्री अभिनय क्षमता


           

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     💖💖   हम स्त्रियाँ?हमें हारना मना हैं [  अभिनय क्षमता ]💙💦



                                        👧👧   👉👉  जैसा मैंने पहले अंक में बताया कि :-'' दुनियाँ एक रंग मंच हैं और उसकी सबसे बड़ी कलाकार   '' हम स्त्रियाँ ''    हैं?



अभिनय क्षमता :-👩👩💞💞

  एक स्त्री में अभिनय या नाटक की क्षमता शायद वह अपने जन्म से पहले ही अपने माँ के गर्भ में ही सिख लेती हैं। ये जो अभिनय का गुण हैं ये हर महिला में होता हैं।

इसी के कारण वो अपने अंदर के तूफ़ान को बांधे रखती हैं ,और रिश्तों की मर्यादा के अंदर जकड़ी रहती।  हैं। इस अभिनय के गुण के कारण ही वह एक अच्छी 

'' पत्नी ,बहू ,बेटी ,ननद ,भाभी ,सभी रिश्तो का 💧💧  ''  किरदार   '' 💦💦 अदा कर पाती हैं।




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 कई बार उसकी   [  स्त्री ]  ऐसी इच्छा होती हैं कि वह भी जोर -जोर से रोए ,हँसे ,किसी को पलट कर जवाब दे ,अपने मन की करे?  

'' पर उस समय उसका जो   '' स्त्रीधर्म   ''  या उसका जो   '' पद ''  [ किरदार  ]  हैं ,वह उसे ऐसा कुछ भी करने की अनुमति नहीं देता ,और वह मन ही मन अपनी इच्छा [भावना ]  को मार कर एक   



                              

''  उत्कर्ष अदाकारा   ''👩👧💗💗💗💗💗💔


बन जाती हैं और अपनी हंसी के पिछे सारा कुछ छुपा लेती हैं। कोई जान ही नहीं पाता की आखिर उसके मन -मस्तिष्क में जो संघर्ष हो रहा हैं, वो कौन?हल करेगा। 



अंदाज :-💏💏💏💏💙💙

  स्त्रियाँ एक बेहतरीन कलाकार होती हैं ,उन्हें हमेशा से पता होता हैं , कि हमें कहाँ कौनसी बात कहनी हैं ,और वह बात कैसे पूरी होंगी ,किस लहज़े में हमें ये बात करनी हैं। 






भाषा या आवाज ;-💖💖💖💦💦

अधिकतर महिलाएँ ये जानती और समझती हैं, कि कहाँ कैसी भाषा या आवाज ,मन के भाव का प्रयोग करना हैं। अपनी बात को मनवाने के लिए उसे किस तरह अपने व्यवहार को उतार -चढ़ाव देना हैं,ताकि अपनी बात भी बन जायें और कोई नाराज भी न हो। 




अपनी बात :-👩👧💋💕💕💕

महिलाओं को पता रहता हैं ,कि उनका अभिनय हमेशा काम को बिगाड़ या बना सकता हैं,तो अपनी बात को कहाँ :-    ''  कह  कर ,कहाँ हँस कर ,और कहाँ चुप रह कर मनवाना हैं। 

औरतों की ये अभिनय की कला उनके कई बिगड़े काम आसानी से बना देते हैं। 





महिला संस्कार :- 💗💟💟💝😍😍😍

माँ के अभिनय की भी क्या कहने?

जब हम छोटे बच्चे थे, तो माँ के साथ कहि जाते तो ,माँ हमें घर से ही सब समझाकर कर ले जाती,और वहाँ जानें के बाद माँ हमें बिलकुल नहीं डाँटती, बस माँ की आँखो के इशारों से ही हमें सब कार्य करने होते थे। 

ये ही तो औरत का     ''  शानदार अभिनय   '' होता हैं।💗💞💕💕💕👩




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