👫👫👫 ''सोच बदलों ,दुनियाँ बदलेगी '' 👫👫👫
जैसा की आपको मैंने पहले लेख में बताया की महिलाये अपनी ही सोच से आजाद और गुलाम बनती हैं।
इसीलिए कहाँ हैं :- '' सोच बदलों ,दुनियाँ बदलेगी। ''
मन के हारे हार है :-👭👭👭
महिलाए हर रिश्ते में सबसे बेहतर और अच्छा बनने की चाहत में खुद को जीवन भर वैसे ही बनाये रहती है। हर कोई सम्पूर्ण नहीं होता।इसलिए खुद को इस अहसास से आज़ाद करे खुद को बेहतर रिश्तो की होड़ में ,अपने ऊपर दबाव को न आने दे। खुद को बेहतर की होड़ में अपने आप पर आतंरिक दबाव आपको खुद को इस बोझ से आज़ाद कर ही नहीं पायेगा।
सोच :-💓💓💓💓
मैंने अधिकतर महिलाओ को देखा है की वे अपने आप को दूसरो से कमज़ोर और दुसरो को बेहतर मानती है। हमेशा ही एक अच्छी पत्नी और माँ बनने की होड़ में अपने आप को इतना व्यस्त रखती है ,की अपने आप के लिए बिलकुल समय ही नहीं मिलता।
खुद की ख़ुशी :-💏💏💏💏
हम महिलाए सब की ख़ुशी को देख ,खुद की ख़ुशी को भुला देती है। हम ये भूल जाती है की जिंदगी को सहज और सामान्य चलने देना चाहिए।हम सारे कार्य खुद कर अपने आप पर सब घरवालों को निर्भर कर लेती है और अपने लिए तो जीना ही भूल जाती है।
अपने ऊपर, अपने घर वालों को निर्भर रखना छोड़कर तो देखिये ,कभी बेटे को अकेले चाय या नास्ता बनाने तो दे , कभी पति के हाथ का बना कुछ खा कर तो देखिये ,कभी सासुमाँ से सिर में तेल डलवाकर तो आनंद ले। जब तक हम महिलाएँ सब कुछ कार्य करके देती रहेगी, तो किसी को एहसास भी नहीं होगा की कुछ हम भी कर ले।
सभी को जीवन में आसानी से कुछ नहीं मिलता ,उसके पीछे कड़ी मेहनत और संघर्ष छुपा होता हैं।
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अपने आप को उस स्तर के लिए तैयार करिये की हर नई चीजों को सिख पाये। बहुत बार सुना हैं ,मुझसे ये नहीं होगा ,मेरे बस की बात नहीं।
अक्सर कई महिलाओ को यह करते देखा हैं कि यह कार्य मेरे बस का नहीं ,नहीं मुझसे नहीं होगा ,मैं नहीं कर सकती आदि।
इसी लिए कहाँ हैं :- '' के मन के हारे हार और मन के जीते ,जीत। ''
हम महिलाएँ सब कुछ कर सकती हैं बस सोच को आजाद करने की जरूरत हैं
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महिलाओं पर होती हैं दोहरी जिम्मेदारी :- 💝💝
कुछ क्षेत्र आज भी ऐसे हैं ,जहाँ महिलाओं की संख्या बहुत ही कम हैं। अलग -अलग व्यक्तित्व वाली महिलाओं को समझना और उनकी अपने संघर्ष को देखना अलग -अलग हैं।
शहरों में रहने वाली महिलाओं :-💗💗
शहरों में रहने वाली महिलाओं की चुनौती घर और जॉब दोनों के बीच तालमेल बिठाने की हैं,अगर जरा भी असंतुलन जिंदगी में तनाव व मनमुटाव ला देता हैं।
इस सब के बिच एक अच्छी बात यह हैं की संघर्ष तो हैं परन्तु सहभागिता का लाभ भी महिलाओं को मिलता हैं।
जबकी छोटे शहरों की महिलाएँ:-💞💞
जबकी छोटे शहरों की महिलाएँ थोड़ी अलग प्रकार की होती हैं। उन पर जॉब की जिम्मेदारी कम होती हैं।
अतः कामकाजी महिलाओं को दोहरी जिंदगी जीनी पढ़ती हैं।
'' सोच बदलों ,दुनियाँ बदलेगी 👄👄💕💕💋💋💋 ''
किसी की लिखी एक बहुत ही सुन्दर कविता सुनाती हूँ :-👨👨👨
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बोलने वाली औरत सबको चुभती हैं ,चुप रहने वाली सबको हैं भाती।
सच कहने वाली किसी को पसंद नहीं ,सब सहने वाली दिल हैं लुभाती।
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पैर छूने वाली सबको पसंद हैं ,पैरों पे खड़ी होने वाली अभिमानी कहलाती।
गलत बात जो सुने तो सहनशीलता -की -मूरत , गलत बात पे टोके तो बत्तमीज कहलाती।
💕💕💕💕💕 तन -मन -धन से जो करे सु -गृहणी ,कभी अपने बारे में सोचे तो स्वार्थी कहलाती।
💕💕💕💕💕'' ये हैं नारी जीवन '' सो थोड़ा अपने भी जियों ''
💕
2 टिप्पणियाँ
Super
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