'' Teachers day '' अनमोल वचन 2020
5 सितंबर को एक बार फिर सारा भारत देश हमारे प्रिय राष्ट्रपति '' सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी '' का जन्मदिन '' Teachers day '' के रूप में मनाने जा रहा हैं।
''महऋषि अरविन्द'' ने '' Teacher '' के बारे में कहाँ हैं :- ''शिक्षक राष्ट्र की संस्कृति के सबसे चतुर माली होते हैं।वे अपने बच्चो को संस्कारों की जड़ों में खाद और अपनी मेहनत से सींचकर उन नन्हे फूलों को शक्ति में निर्माणित होने का रास्ता बताते हैं ''
कहाँ हैं :-
'' सही क्या हैं ,गलत क्या हैं ,ये सब बताते हैं आप।
झूठ क्या हैं ,सच क्या हैं ,ये बातें समझाते हैं आप।
जब सूझता नहीं कुछ भी रास्ता ,तो रास्तो को सरल बनाते हैं आप।
जीवन के हर अँधेरे में रौशनी का दीप जलाते हैं आप। ''
TEACHER :- शिक्षक हमारे अंदर की बुराइयों को दूर कर हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं। हमारे जीवन में शिक्षक के इस योगदान के लिए हमे अपने शिक्षकों का हमेशा सम्मान और आदर करना चाहिए।
'' देवों रुष्टे गुरुस्त्राता , गुरो रुष्टे न करचनः
गुरुस्त्राता , गुरुस्त्राता न संशय।''
हिंदी अर्थ :- '' भाग्य रूठ जाये तो गुरु रक्षा करते हैं ,गुरु रूठ जाए तो कोई नहीं होता ,गुरु ही रक्षक हैं। इसमें कोई संदेह नहीं। ''
''सर्वप्रथम शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर मैं आप सब को ढेर सारी शुभकामनाएँ देना चाहूँगी। ''
भारत देश की भूमि पर कई विभूतियों ने जन्म लिया और अपने ज्ञान से हमारा मार्गदर्शन किया हैं ,उन्हीं में से एक महान विभूति ,दार्शनिक ,शिक्षाविद ,महानवक्ता और महान विचारक
'' डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ''
ने हमे शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया,और शिक्षक दिवस उन्हीं के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता हैं।
''डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन'' का जन्म शिक्षक दिवस के रूप में मनाना हम सभी के लिए गौरव की बात हैं।
''डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन '' का व्यक्तित्व ही ऐसा था कि 1952 में उन्हें '' उपराष्ट्रपति '' का पद दिया गया।
''डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन '' जब 1962 राष्ट्रपति बने तब उनके शिष्यों ने उनकों कहाँ की हम आपका जन्मदिन '' शिक्षक दिवस '' के रूप में मनाना चाहते हैं।
तभी से ''5 सितंबर को शिक्षक दिवस'' के रूप में मनाया जाने लगा।
सभी छात्र -छात्राएँ 5 सितंबर को अपने -अपने गुरुजनों को धन्यवाद देते हैं।
इसीलिए कहाँ हैं कि :-
'' TEACHING IS A NOBLE PROFESSION '' [ याने की शिक्षण कराना एक महान कार्य हैं। ]
अगर ''शिक्षक''नहीं तो DOCTOR नहीं , POLICE नहीं , ENGINEER नहीं कुछ नहीं। हर तरफ अशिक्षा और अज्ञानता का निवास होता।
'' रीढ़ की हड्डी '' :-
शिक्षक समाज की ''रीढ़ की हड्डी '' हैं। शिक्षक छात्र -छात्राओं के चरित्र और व्यक्तित्व को आकार देते हैं और उन्हें देश का एक सच्चा व आदर्श इंसान बनाते हैं।
डॉ . राधाकृष्णन बहुत ही हाजिर जवाबी थे ,ऐसी ही एक कहानी में आपको सुनाती हूँ।
कहानी :-
एक बार की बात हैं। एक प्रतिभोज के अवसर पर एक अंग्रेज आदमी बोला '' ईश्वर हम अंग्रेजों को बहुत प्यार करता हैं, इसलिए उसने हमें इतना ''गोरा और बहुत सुंदर बनाया '' हैं।
वहीं पर '' डॉ. राधाकृष्णन जी '' भी खड़े थे ,उन्हें उस अंग्रेज की बात अच्छी नहीं लगी और उन्होंने एक किस्सा सुनाया :-
1 '' मित्रों एक बार ईश्वर का रोटी बनाने का मन हुआ।उन्होंने जो पहली रोटी बनाई वह जरा कम सिकी परिणामस्वरूप अंग्रेजों का जन्म हुआँ।
2 दूसरी रोटी कच्ची न रह जाये ,इसलिए भगवान ने उसे ज्यादा देर तक सेका और वह रोटी जल गई ,इससे नीग्रो लोग पैदा हुए।
3 मगर इस बार भगवान जरा चौकन्ने हो गये ,वह ठीक से रोटी पकाने लगें। इस बार जो रोटी बनी वो न ज्यादा पकी न ज्यादा कच्ची , ठीक से सिकी थी और परिणामस्वरूप हम '' भारतीयों '' का जन्म हुआँ।
ये किस्सा सुनकर उस अंग्रेज का सिर शर्म से झुक गया और बाकि लोगों का हँसते -हँसते बुरा हाल हो गया।
मित्रों ऐसे संस्कारिक एवं शिष्ट उत्तर से किसी को आहत किये बिना '' डॉ . सर्वपल्ली राधकृष्णन जी '' ने भारतीयो को सर्वश्रेष्ठ बता दिया।
उनका मानना था की व्यक्ति अपने चरित्र और निर्माण में शिक्षा से ही आगे बढ़ सकता हैं।
TEACHER =BEING ONE IS THE HIGHEST PRIVILEGE BEING ONE IS THE BEST BLESSING .
बच्चे सदैव सबसे ज्यादा विश्वास और भरोसा अपने TEACHER पर करते हैं। TEACHER द्वारा कहाँ गया एक -एक शब्द उनके मन में घर कर लेता हैं। इसलिए TEACHER को अपना ज्ञान हमेशा बढ़ाते रहना चाहिए ।
डॉ . सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मोत्सव दिवस को '' TEACHER's DAY '' के रूप में मनाते हैं ,उन्होंने कहाँ हैं :-
'' योग्य TEACHER वहीं हे जिसके अंदर हमेशा ''STUDENT '' मौजूद रहता हैं
साधारण पौधे [बच्चे ] रूपी मनुष्य को सींचकर एक विशाल पेड़ बनाने वाले महान गुरुजनों को मैं शतशत नमन करती हूँ।
'' गुरु -की -ऊर्जा-सूर्य -सी ,अंबर- सा -विस्तार।
गुरु -की -गरिमा -से -बड़ा , नहीं -कोई -आकार।
गुरु -का -सदसानिध्य -ही ,जग- में -हैं -उपहार।
प्रस्तर -को -क्षण -क्षण -गढ़े ,मूरत -हो- तैयार।। ''
1 टिप्पणियाँ
Happy teacher s day
जवाब देंहटाएंFor more query please comment