चीन बनाम भारतीय टेक कम्पनिया

           ''    चीनी बनाम भारतीय टेक कम्पनिया   ''


परिचय :- जैसा की  हम सभी जानते हैं ,पूर्व से  पश्चिम की विदेशी सबसे श्रेष्ठ टेक कम्पनिया भारत को अपने लाभ का सबसे बड़ा बाजार समझती हैं,और उसे अपने व्यवसाय के लाभ के रूप में देखती हैं। ये बड़ी -बड़ी विदेशी कम्पनिया भारत के लोगों के डेटा को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी मानती हैं। 

कुछ विदेशी कम्पनिया भारतीय बाजारों पे अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए अग्रसर हैं। ये विदेशी टेक कम्पनिया चाहती हैं ,कि हम भारत के बाजार पर पूर्ण नियंत्रण कर ले व अपने सारे उत्पादको  को भारतीय बाजार में बेचकर अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर ,भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सके। 
इसलिय वे हमारे डेटा को ऊचे से ऊचे दामों पर खरीदना चाहती हैं। 

चीनी कम्पनिया :- अब चीन को ही ले ले  ,चीनी सरकार अपनी सारी कंपनियों पर अपना पूर्ण वर्चस्व रखती हैं ,वे अपनी हर कम्पनी पर अपना पूर्ण अधिकार मानती हैं। ये जो चीनी टेक कम्पनिया हैं ,ये चीनी सरकार के आदेशों के बिना एक कदम भी नहीं उठा सकती। हम सभी जानते हैं की चीन की सरकार का चीन पर पूर्ण नियंत्रण रहता हैं ,वहाँ कोई भी स्वतंत्रता से कुछ कह नहीं सकता ,वहाँ सरकार की आलोचना नहीं कर सकते।पर चीनी सरकार अपनी कंपनियों का साथ भी पूरा -पूरा देती हैं ,वे अपने स्वार्थ के लिए कंपनियों के सारे उचित -अनुचित कार्यो को करने के लिए आजाद हैं। वहाँ की सरकार उन कंपनियों को हर प्रकार का लाभ भी देती हैं।


 अन्य देशों की कम्पनिया :- चीन के विपरीत अन्य दूसरे देशों की कम्पनियाँ इसलिए भारत के लोगों का डेटा चाहती हैं ,जिससे वे अधिक से अधिक अपने व्यवसायिक उत्पाद बेच सके। 

  स्वतंत्र नेटवर्क :- हम सभी अच्छे से जानते हैं की चीनी सरकार अपने यहाँ किसी भी स्वतंत्र नेटवर्क को स्वीकार नहीं करती हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने अपने यहाँ 2009  से फेसबुक पर पूर्णरूप से पाबंदी लगा रखी हैं। चीन की सरकार बहुत चालक हैं ,वो अपने मिडिया पर भी पूर्ण पाबंदी रखती हैं,वहाँ सरकार जो दुनियाँ को दिखाना चाहती हैं सिर्फ वहीँ दिखाती हैं। 


चीनी लाभ :- वहाँ की सरकार को अच्छे से पता हे की उनके टेक्नोलॉजी और टेक उद्योग पर विदेशी कम्पनियो का अधिकार होने पर कोई लाभ नहीं हैं। 

यही कारण है कि चीनी सरकार ने अपने यहाँ गूगल,  ट्विटर ,नेटफ्लिक्स ,पर पूर्ण पाबंदी लगा रखी हैं। 

इंटरनेट :-  इंटरनेट पर हम अपनी सारी विद्या ,ज्ञान ,विचार ,भावनाएँ आदि जल्दी से जल्दी एक -दूसरे तक पहुँचा सकते हैं। इंटरनेट एक ऐसा माध्यम हे, जिसके द्वारा एक देश , दूसरे देश के व्यवसाय  ,नवाचारों और उसके उद्योग की सारी जानकारी आसानी से देख व जान सकते हैं और उस जानकारी को अपने उद्योग और व्यवसाय के लाभ में प्रयोग कर सकता हैं।  

  

तकनीकी गुणवक्ता :- तकनीकी गुणवक्ता तीव्रता के साथ आगे बढ़ रही हैं ,और हर प्रकार से वह सुलभ ,सरल व सस्ती होती जा रही हैं। जो टेक कम्पनियाँ कुछ नया करने का हौसला नहीं रखती ,वें उन्हें लोकल  स्टार्ट - अप कम्पनियाँ हमेशा चुनौती देती रहती हैं। 
यदि टेक कम्पनियाँ एक तकनीक की हुब -हु नकल नहीं कर सकती तो वे उसे खरीदने का प्रयास करती हैं। 
डेटा :-  जहाँ तक डेटा की बात हैं ,तो वे सभी देशों की तकनीकी कंपनियों के लिए संसाधनों में सबसे मूल्यवान वस्तु हैं। एक देश के डेटा का उपयोग दूसरे देश की कम्पनियाँ अपने लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए प्रयोग  करती हैं। 


मोबाईल :-  आजकल हर सामान्य व विशेष के लिए सबसे जरूरी चीज मोबाईल हो गया हैं। हर कार्य मोबाईल से ही सम्पन होता  हैं। हर जगह ,ईमेल आईडी देनी होती हैं,उसके साथ ही अपनी सम्पूर्ण जानकारी भी देनी होती हैं। बहुत से लोग  तो ये जानते भी नहीं हैं की, ये डेटा कंपनिया क्यों मांगती हैं। इस डेटा के बिना वो कम्पनी आपको कुछ भी कार्य पूर्ण नहीं करने देती। 



जासूसी :-  ये मोबाईल फ़ोन एप्लिकेशन सबसे बड़ा जासूसी या यूँ कहे भेदी यंत्र हैं। जो आपकी  सारी जानकारी - स्वास्थ ,पसंद ,नापसंद ,आदत ,व्यवहार ,समाज इन सभी की जानकारी रखती हैं। ये विदेशी कम्पनिया भारत को लाभ के बाजार के रूप में देखती हैं,  और अपनी जेब भरती हैं।  

''   ये सभी भारत को एक सोने की चिड़ियाँ समझती हैं।   '' 

 


पाबंदी :-  ये सभी कारण हे जो  भारत में तेजी से लोकप्रिय हुए ''टिकटॉक ,हैलो ,एमवी मास्टर ,विमेट आदि चाइनीज ऐप लाखो ,करोड़ों रूपये भारत से कमाकर अपने देश ले जा रहे थे और हमारे डेटा को हमारे ही खिलाफ स्तेमाल कर रहे थे। इसी वजह से भारतीय सरकार को चाइना के 59  ऐप पर पाबंदी लगानी पड़ी।
ये हमारे देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी था। 


भारतीय उद्धमियो को जो चीज पीछे धकेल रही थी ,वह थी मोबाईल फ़ोन और इंटरनेट की कनेक्टिविटी। 
भारत में अब जबकि इंटरनेट में पर्याप्त विस्तार हो रहा है तो विदेशी कंपनियों ने भी अपनी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आगे किया है। 


चीन के 59 ऐप को बंद करने से भारतीय उद्योग को अपनी पहचान बदलने वाली प्रौद्योगिकियों के निर्माण का अवसर मिलेगा। चीन के वर्चस्व को ख़त्म करके भारत को ही नहीं ,सभी अन्य देशो को भी लाभ मिलेगा। हम सभी जो चीन का विकल्प तलाश रहे थे वो अब पूरा होगा। 

भारत के डेटा पर खत्म होगा अन्य विदेशी कंपनियों का दबदबा। भारतीय नागरिकों के डेटा के इस्तेमाल को ,अपने कारोबार के लिए करने वाली विदेशी डिजिटल कंपनियो का हमारे डेटा पर दबदबा जल्द ही समाप्त होने वाला हैं। 


केंद्र सरकार कर रही हैं डेटा नियामक की तैयारी :- भारत सरकार   [ मोदीजी  ]  ने भारत के लोगों के नॉन पर्सनल डेटा के नियमन के लिए एक डेटा नियामक बनाने पर विचार किया हैं और जल्द ही इसे पूरा किया जायेगा। 
अभी हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री ने इस के लिए एक घोषणा भी की हैं की '' हमारे देश का कोई भी नौजवान '' ऐप '' निर्माण करेगा उसे पुरस्कृत किया जयेगा।
इसी कदम में अभी हाल ही में गूगल के CEO  मिस्टर सुन्दर पिचई ने भारत में निवेश की घोषणा कि है उन्होंने कहा है की गूगल भारत में अगले पांच से सात साल में 75,000 करोड़ (करीब 10 अरब डॉलर)निवेश करेगी  ।                       

विदेशी/देशी ऐप :-  
tik tok /mitron
pubg/scarfall
zoom/namaste
xender/jio share 
vigo video/roposo

ऐसी और भी कई एप्प है जो बहुत अच्छी सुविधाएं देते है। 



देशी तकनीक का 5G :-रिलायंस जिओ अमेरिका की दिग्गज  टेक कम्पनी गूगल के साथ मिलकर हमारे देश मैं सस्ते 4G व 5G एंड्रॉयड फोन बनाएगी।गूगल और जियो मिलकर एक वैल्यू इंजीनियर्ड एंड्रॉयड बेस्ट स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम बनाएंगे जियो कंपनी ने दुनिया का सबसे तेज़ 5G नेटवर्क तैयार किया है इस नेटवर्क में सारे संसाधन व उपकरण देशी है। 

जियो  के चेयरमैन ने कहा की जियो प्लेटफॉर्म्स के तहत जियो ग्लास का भी निर्माण होगा इससे  3D व्यू मिलेगा। जिओ ग्लास वर्चुअल असिस्टेंट से भी लैस है। 
ऐसे कई प्रयोग किये जा रहे है जो देशी टेक कंपनियों को ऊँचाइयों पर लेजा रहे है और देश की तरक्की में भागीदार बन रही है। 
आप सभी से अनुरोध है की आप भी अपने  देश(भारत ) से प्यार करे और इसकी तरक्की में भागीदार बने। 

ऐसी आशा के साथ जय हिन्द जय भारत 
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