हम स्त्रियाँ हैं? हमें हारना मना हैं

 




        💝💝💝       ''    हम स्त्रियाँ हैं? हमें हारना मना हैं ''👧👩




   👤👤💥शेक्सपियर         :-   💛💛💜💜💦

                                  '' कहते हैं कि दुनियाँ एक रंगमंच हैं ,जहाँ हम सब इस जीवन रूपी नाटक में कई तरह के अभिनय के किरदार निभाते हैं। ''


         परन्तु मेरे मतानुसार जीवन के इस नाटक रूपी रंगमंच पर कोई सबसे महान व बेहतरीन अभिनय निभाता हैं, तो वे होती हैं ,           ''    महिलाएँ        ''    । 




मैंने अपने आस -पास और खुद में  देखा हैं, महिलाओं को कई बार खुश होने का नाटक करते हुए। जब मन न हो तब भी हँसते हुए ,मुस्कुराते -मुस्कुराते  कई बार खुश होने का नाटक करते हुए,जब की उसका ख़ुशी व सच से दूर -दूर तक कोई रिशता  नहीं होता। 





कई बार ऐसा होता हैं की मन न करें फिर भी   हंसना मुस्कुराना पढ़ता हैं ,जहाँ दिल खोल कर   ''  रोने  '' की इच्छा हो वहाँ मन मारकर भी हंसना ,मुस्कुराना होता हैं ,इसी को स्त्रीजीवन कहते हैं जहाँ हमें कुछ भी हो जाय   ''  महिलाओं को हारना मना हैं ''  





नव विवाहित बेटी :-  कई बार देखने में आता  हैं की हम जब बेटी को  विवाह के बाद मायके लाते हैं तो सभी उससे एक ही सवाल करते हैं ,विशेष कर बेटी का पिता की :- '' बेटी ब्याह के बाद ससुराल में कोई परेशानी या तकलीफ तो नहीं ,तो वह माँ की दुलारी ,पापा की परी ,भाई की लाड़ली ख़ुशी से मुस्कुराकर ,अपने आँसुओ को आँखो में छुपाये हंस कर कहती हैं ,नहीं पापा आपकी लाड़ली परी अब उस घर की रानी हैं। 

ससुराल में सब अच्छे हैं ,वो तो बहुत ही अच्छे हैं। बाकि सब भी अच्छे हैं मेरा अच्छे से ख्याल रखते हैं। 





अपनी लाड़ली के मुख से ये बातें सुन माँ -पिता अपने आप को धन्य मान लेते हैं और ख़ुशी से फूले नहीं समाते की उन्होंने अपनी  बेटी के लिए जो किया अच्छा हैं ,

''पर क्या ऐसा सच में हर लड़की के साथ होता हैं कि वो ससुराल की महारानी या यूँ कहे  '' बहू  '' भी सही मायने में बन पाती हैं। 

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बेटी :-  आज भी हमारे समाज व परिवार में न जानें कितनी बेटियाँ हैं ,जो अपने भाग्य में माँ -बाप  की नजर में राजयोग लिखवा लेती हैं पर असल जिंदगी में वो   राजयोग या रनियोग जिंदगी की जोड़ -तोड़ में न जाने कहाँ खो जाता हैं। 

''बस माँ बाप की नजर में वो बेटी रानी बनी रह एक शानदार अभिनय करती रहती हैं। ''




वो नन्ही सी पापा की परी कब बड़ी हो जाती हैं और अपने सारे गम अपनी नकली हँसी में कहाँ छुपा लेती हैं कि उसके हर दर्द को समझने वाले उसके आपने माता -पिता ये नहीं जान पाते की उनको खुश देखने की खातिर बेटी नकली हंसी हंस रही हैं। 


ये उस बेटी का सबसे शानदार अभिनय हे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


इसके आगे की बातें अगले अंक में। आपको मेरे लिखें लेख पसंद आये तो आप इन्हें जरूर  

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