BASANT PANCHMI

                                 


              ''     💞💞    बसंत पंचमी    💞💞  ''

भारत त्योहारों का देश :-  मेरा देश एक रंगीला देश हैं। यहाँ हर समय एक उत्सव और त्यौहार होते रहते हैं। 

जैसे अभी आपने  ''  गणतंत्रदिवस   ''  का राष्ट्रीय उत्सव मनाया।  वो अभी  गया ही की  

 ''  बसंत पंचमी ''         'का त्यौहार  आ गया ,इसके बिच भी कई छोटे -छोटे त्यौहार हैं। पर 

   ''  बसंत पंचमी ''हमारे देश में बड़े ही धूम -धाम से मनाया जाने वाला त्यौहार हैं। इसदिन कहते हैं 

''       प्रकृति      ''   अपना नया   ''  श्रृंगार   '' करती हैं। 

           यहाँ मुझे   ''  अटल बिहारी वाजपेय    ''   जी की   ''   poem   ''   याद आ रही हैं ,क्या खूब लिखा हैं। 


               ''  टूटे हुए तारों से फूटे बसंती स्वर ,

                  पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर। 

                  झरे सब पीले पात ,कोयल की कुहुक रात ,

                 प्राची में  अरुणिम की रेख देख पताहू गीत नया गाता हैं। ''




 हमारे देश में हर माह  कुछ न कुछ त्यौहार होते रहते हैं और प्रकृति अपना नया -नया रूप धरती 

  [ बनती  ]   रहती हैं। ये उत्सव और त्यौहार हमारे लिए एक  ख़ुशी का बहाना ही नहीं ,बल्कि हमारी प्रकृति 

के लिए व हमारे वातावरण [ पर्यावरण ] के नए रूप बदलने के संकेत भी देती हैं। 


बसंत पंचमी २०२१ की तिथि :-  

बसंत पंचमी का त्यौहार हमारे देश में हर साल   ''  हिन्दू पंचाँग के माह ''  महीने की पंचमी की तिथि को बड़े ही धूम -धाम से मनाया जाता हैं। इसदिन प्रकृति अपना नया रूप धारण करती हैं। 

इस बार 2021  में   ''  बसंत पंचमी  16  फरवरी ''   के दिन मनाया जायेगा।  

covid -19  की वजह से अभी बड़े -बड़े उत्सव नहीं होंगे पर फिर भी हमारे देश में उत्सवों का उत्साह कम नहीं होगा।  हर जगह बड़े धूम -धाम से ये पर्व मनाया जायेगा।    

शुभ महूर्त [  समय ]:- इस बार माँ सरस्वती की पूजा का मुहर्त 12 :26  से  1 तक हैं। 



बसंत  ऋतु  :-  बसंत ऋतु की शुरुवात से ही ,इस ऋतु के समाप्त होने तक कई व्रत , उत्स्व ,और त्यौहार आते हैं उनमे कुछ खास त्यौहार ये हैं। 

1 . तिल चौथ 

2 . मौनी अमावस्या 

3 .  गुड़ी पड़वा 

4 . पापमोचिनी एकादशी 

5 . गणेश जयंती 

6 .  बसंत पंचमी 

7  .  सबसे बड़ा पर्व   ''  होली "

8 . शिवरात्रि 

आदि और भी कई छोटे -छोटे व्रत आते रहते हैं। 

''  दिनकर जी    ''  की ये कुछ पंक्तियाँ बहुत ही सुन्दर हैं 


                              ''    राजा बसंत, वर्षा ऋतुओं की रानी ,

                                 लेकिन दोनों की कितनी भिन्न कहानी। 

                                 राजा के मुख में हंसी कंठ में माला ,

                                 रानी का अंतर द्रवित दुगों में पानी।। ''





बसंत ऋतु का महत्व : 

बसंत ऋतु का आगमन सभी के लिए बहुत ही खुश  ,सुहाना होता हैं इसलिए इस ऋतु को   '

''  ऋतुओं का राजा ''  कहाँ जाता हैं। ये ऋतु हिंदी महीनो  के अनुसार   ''  माह   ''  माह से शुरू होती हैं। इसदिन  को बसंत ऋतु का आरम्भ  मानते हैं।  ये माह बहुत ही  खूबसूरत होता हैं। इस माह में प्रकृति अपने खूबसूरत शांतभाव और व्यवस्थित रूप में होती हैं। 

प्रकृति के जो मुख्य तत्व हैं ,जिनसे मिलकर ये बनी हैं [   जल ,वायु ,आकाश ,धरा ,आग   ]  वो इस समय अपने सबसे शांत रूप में  होती हैं। जो सभी जन और जीव को अपने मोह में बांध लेती हैं। 

मनमोहक रूप :-

बसंत ऋतु सभी ऋतुओं में सबसे मनमोहक होती हैं। सभी जगह   '' हरियाली ''  का माहौल होता हैं। इस ऋतु में न ज्यादा ठंडी होती हैं ,न बारिश होती हैं न ही ज्यादा गरमी होती हैं। सभी जगह सुहाना और मन मोहक मौसम व माहौल  होता हैं। 

इस ऋतु में हर वृक्ष ,पेड़ -पौधा अपने पुराने पत्तों की जगह नए   ''  अंकुर कोपलों ''  का सृजन करते हैं। सभी ओर  धरती हरियाली की चादर  ओढ़े नई दुल्हन सा श्रृंगार करती हैं। 






बसंत पंचमी त्यौहार :-  

''  बसंत पंचमी त्यौहार ''   भारत के हर क्षेत्र में मनाया जाने वाला त्यौहार हैं पर विशेष तौर  पर ये  त्यौहार 

भारत के पूर्व के क्षेत्र में मनाया जाता हैं। इसदिन प्रकृति अपने नए   '' श्रृंगार ''  में होती हैं। इसदिन हम सभी मिलकर   ''  विद्या की देवी      माँ सरस्वती        ''   की पूजा -अर्चना   करते हैं। 

 इसदिन   ''  माँ शारदे का जन्मोत्सव   ''   हैं जो हम सभी मिलकर बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं। जिससे ''   माँ सरस्वती   ''   का   ''  आशीर्वाद  ''   हम सब पर बना रहे।

'' माँ सरस्वती ''   विद्या की देवी हैं ,इसलिए पुरे देश में ही इस दिन को उनकी पूजा और आराधना की  जाती हैं। 

उत्सव को मनाने का तरीका :-

इस त्यौहार को सभी जन अपने -अपने रीतिरिवाज और धर्म के अनुसार मनाते हैं। सभी लोगों की अपनी अपनी मान्यताये हैं ,उसी के अनुसार मनाया जाता हैं। 

1 . सबसे महत्वपूर्ण तो माँ सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता हैं। कहते हैं की माँ कमल पर विराजती हैं ,तो माँ को कमल का फूल अर्पण कर पूजन अर्चन किया जाता हैं। 

2 . सभी प्रकार के संगीत यंत्रों का पूजन किया जाता हैं। अपनी किताबो का भी पूजन करते हैं ,जिससे हमें विद्या की देवी माँ का आशीर्वाद मिल सकें। 

3   .किसान  के भी  नए धान का आगमन भी इसी ऋतु में होता हैं। तो किसान भी अपनी ख़ुशी का इजहार करने के लिए उस धान की पूजा करता हैं। 

4 . दान के लिए कोई समय नहीं होता पर कुछ विशेष अवसर पर विशेष दान दिया जाता हैं तो पुण्य ज्यादा लगता हैं। इसीलिए इस समय कपड़े और धान का दान किया जाता हैं। 

5 . बसंत पंचमी पर कई जगह मेलों का भी आयोजन किया जाता हैं। इस समय covid -19 की वजह से अभी सभी मेलों का आयोजन बंद हैं पर फिर भी उत्सव में कोई कमी नहीं हैं। 

पीले वस्त्रों का महत्व :- 

बसंत पंचमी के उत्सव को सभी बड़े धूम -धाम के साथ मिलकर सभी जगह मनाया जाता हैं। पर विशेष कर पढ़ने  वाले बच्चों के  लिए ये उत्सव सबसे खास होता हैं।  इस दिन को सभी विद्यालयों में   '

''  माँ सरस्वती ''  की पूजा अर्चना की जाती हैं और आज कल के चलन में इसदिन को विद्यालयों में  

 ''  YELLOW DAY ''   के रूप में  मनाया जाता हैं।  इस दिन सभी बच्चे और शिक्षकगण पीले वस्त्र पहनते है और पीला भोजन  ग्रहण करते हैं।बसंत पंचमी पर पिले रंग का बहुत महत्व होता हैं। 

 इसीदिन   ''  ऋषि पंचमी   ' का  व्रत भी होता हैं। 


ऐसा हैं मेरा देश जो अनेक धर्म ,जाती  और समुदाय में बटा हैं फिर भी एक  हैं। 


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खुश रहें मस्त रहें अपना ख्याल रखें। मिलते हैं अगले   TUESDAY को। 



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