जैसा कि आपको लेख के शीर्षक से ही पता चल गया होगा कि मैं किस बारे मे बात कर रही हूं। मैं करवाचौथ व्रत की बात कर रही हूं। जो इस बार 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ये एक सुहागन के लिए सिर्फ एक व्रत ही नहीं उसके जीवन का सबसे बड़ा उत्सव है, जिसे वो पूरी निष्ठा और प्यार से निभाती है। पति जो महिला के लिए हर रिश्ते से बड़ कर है, चाहें उस को जन्म देने वाले मां,बाप हो या उसके भाई, बहन या उसके अपने बच्चे । सब से ज्यादा सिर्फ पति ही प्यारा होता है। फिर जीवन साथी अगर बेहद प्यार और सम्मान,स्नेह करने वाला हो तो सोने पे सुहागा है। फिर उस महिला के लिए सारा जीवन एक उत्सव हो जाता है। वो जो अपना घर मां बाप भाई ,बहन सब को छोड़ कर आई उन्हें तक भूल जाती हैं और उस नए घर को ही अपना सारा संसार बना लेती है। मैं आप सभी को बस यही कहूंगी की आप व्रत करे न करे। बस अपने बीच का प्यार और एक दूसरे के प्रति विश्वास हमेशा बनाए रखना। पति पत्नी दोनो का सम्मान बनाए रखना दोनों कि ही जिम्मेदारी है। किसी एक के भी काम होने से फिर रिश्ता कमजोर होने लगता है। आप तभी खुश रह सकते है जब आप दोनो अपने रिश्ते के प्रति विश्वास और ईमानदार हो। ये रिश्ता सिर्फ विश्वास पर ही जीवन पर्यन्त या यूं कहूं कि 7जन्म तक निभाता है।आप सभी को बहुत बहुत बधाई। मिलते है अगले लेख पर ।आना जरूर .........
2 टिप्पणियाँ
Super
जवाब देंहटाएंAap ese hi likhte rahe.hme bahut pasnd h
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