महाशिवरात्रि पर विशेष ''घनिष्ठा नक्षत्र ''जो आपको माला -माल कर सकता हैं

 


                      

                                       ''महाशिवरात्रि -2021''



 महाशिवरात्रि:-

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है।  इस दिन सभी जन शिव -मंदिरो में भगवान शिव की पुजा बडे ही हर्षो - उल्लास के साथ करते है।

 पंच तत्वो से  भगवान की पूजा की जाती है।  दूध, घी ,शक्कर, बेलपत्र ,मिठाई और भी कई चीजों को मिलाकर भगवान शिव की पूजा -अर्चना की जाती है। 

विशेष हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष

 ''   फागुन माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को महाशिवरात्रि  '' 

   मनाई जाती है।  इस बार महाशिवरात्रि के दिन ग्रहों का विशेष सहयोग है। ज्योतिष गणना के अनुसार महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ विशेष    '' घनिष्ठा नक्षत्र ''    भी  होगा और चंद्रमा मकर राशि में विराजित रहेंगे।

 '' घनिष्ठा नक्षत्र ''   जो आपको माला -माल कर सकता हैं। ये योग कई वर्षो में एक बार बनता हैं। इसलिए इस बार आप भगवान शिव की पूजा जरूर करें,और मनवांछित फल पाये। 



 ''11 मार्च 2021 ''  हमारे धर्म के अनुसार फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व है। 

इस बार महाशिवरात्रि का त्यौहार    ''11 मार्च 2021 गुरुवार   ''   को मनाया जाएगा कहते हैं। इस दिन भगवान भोलेनाथ  से जो भी मन से मांगो आपकी इच्छा जल्दी पूरी हो जाती है।  महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। इस दिन भोले की पूजा पूरे विधि -विधान के अनुसार करने से मनोवांछित फल मिलता है.

 इस दिन शिव की पूजा  मंत्र-जाप के साथ  करने से ,और उपवास करने से प्रभु शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। भोले बाबा जैसे कि नाम से ही सिद्ध होता है भोले है , वे तो  जल्दी से प्रसन्न होने वालो में से  हैं ।

पूजा मुहूर्त:- 

विधि मुहूर्त ,पूजा मुहूर्त   

11 मार्च को 

1 . पहला पहर शाम 6:27 से 9:29 तक रात को 

2 . दूसरा रात पहर 9:29 से 12:31 तक रात को

3 .  तीसरा पहर रात 12:31 से 3:32, तक 

4 . चौथा पहर 12 मार्च सुबह 3:32 से सुबह 6:34 तक 

 शुभ समय में ही महादेव व माता गौरी की पूजा करनी चाहिए ,तभी फल मिलता है।  रात्रि में चार बार पूजा की परंपरा है। 



क्या -क्या नहीं खाना चाहिए :-

चावल, गेहूं आदि से बनी चीजें ,मांस -मदिरा ,बेसन की चीजें नहीं खानी चाहिए।

  व्रत के दिन फालतू की बहस नहीं करनी चाहिए। दिन में सोना भी नहीं चाहिए ,दिन में सोने से व्रत का फल नहीं मिलता हैं। 

 क्या खा सकते हैं - साबूदाने की खिचड़ी ,चाय, दूध, दूध से बनी चीजें |

 पूजा विधि:- 

 तांबे के लोटे में जल ,दूध, बेलपत्र ,धतूरा व चावल डालकर शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए । अपनी क्षमता अनुसार  ''   शिव पुराण    ''  का पाठ करना चाहिए ,और   '''    महामृत्युंजय मंत्र    '''    का उच्चारण करना चाहिए ।   ''' ॐ  नमः शिवाय   ''  का जाप तो सभी श्रद्धा से कर सकते हैं ।

महाशिवरात्रि के  पूरा दिन भगवान शिव की पूजा -अर्चना की जाती हैं। भगवान भोले मन के बड़े भोले हैं ,उनके लिए अपने भक्त सदा ही सबसे प्यारे होते हैं । शास्त्रो,पुराणों के अनुसार शिवरात्रि में शिव जी की पूजा

 ''     निखिल काल  '' में ही करना सबसे अच्छा माना गया है। 

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